जिलाधिकारी ने किया उर्वरक बिक्री केंद्रों का औचक निरीक्षण
जनपद में डीएपी एवं फास्फोरसयुक्त खाद वितरण पारदर्शिता से कराने के आलोक में जिलाधिकारी चित्रकूट एवं पुलिस अधीक्षक चित्रकूट ने उर्वरक वितरण केंद्रों का भ्रमण कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। मण्डी परिसर कर्वी स्थित IFFDC कृषक सेवा केंद्र का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने सहकारिता विभाग, पी सी एफ व कृषि विभाग के अधिकारियों को जरूरत के मुताबिक़ डी ए पी प्रेषण व वितरण कराने के निर्देश दिए। इस समय जिले में रबी फसलों की बुवाई चल रही है जिसके लिए किसानों द्वारा डी ए पी व एन पी के उर्वरक क्रय किया जा रहा है।
जिले की 39 सहकारी समितियों व सात अन्य सहकारी केंद्रों पर डी ए पी खाद की 1150 मैट्रिक टन (23000 बोरी) डीएपी का आवंटन किया गया है। जिसमें से अभी तक कुल 12 समितियों पर प्रेषण किया जा चुका है। शेष समितियों पर प्रेषण जारी है। उर्वरक प्रेषण तेजी से करने के लिए जिला प्रबंधक पी सी एफ को निर्देशित किया गया ताकि बुवाई के लिए किसानों को समय से डी ए पी मिल सके। उर्वरक वितरण शांतिपूर्वक कराने हेतु सभी उपजिलाधिकारियों व थाना प्रभारी को भी निर्देश जारी किए गए हैं ताकि सभी किसानों को बुवाई के लिए खाद मिल सके।
खाद की दुकानों पर छापेमारी जिले की 12 दुकानों से नमूने लिए गए, कालाबाजारी करने वालों पर होगी कार्यवाही शासन से प्राप्त निर्देश के क्रम में जनपद के सभी थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम ने आकस्मिक छापेमारी की जिसमें जिले की सहकारी व निजी दुकानों से 12 नमूने संकलित किए गए जिन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा, उनके प्राप्त परिणामों के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सभी तहसीलों में उप जिलाधिकारी की अगुवाई में एवं उर्वरक निरीक्षक की देखरेख में खाद की दुकानों पर छापेमारी करते हुए स्टॉक एवं अभिलेख की जांच की गई तथा संदिग्ध स्टॉक से नमूने भी गृहीत किए गए। वर्तमान में रबी फसलों में बुवाई की जा रही है जिसके लिए किसानों द्वारा फास्फोरसयुक्त उर्वरकों का क्रय किया जा रहा है। इस समय जनपद में सहकारी समितियों व गोदाम में 1425 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है जिसे सभी सहकारी समितियां किसानों को वितरित करेंगी। किसान भाई अपनी जरूरत के अनुसार आधार कार्ड एवं खतौनी दिखाकर समितियों से उर्वरक ले सकते हैं ।
तिलहनी फसलों में बुवाई के लिए डीएपी की जगह एनपीके 20-20:0:13 का प्रयोग करने से न केवल सरसों का उत्पादन बढ़ता है बल्कि तेल की गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों में वृद्धि होती है क्योंकि एनपीके में 13% सल्फर पाया जाता है जो तेल की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाता है। अतः जो किसान भाई सरसों की बुवाई कर रहे हैं या करने वाले हैं वह डीएपी की जगह सुपर फास्फेट अथवा एनपीके 20-20:0:13 का प्रयोग बुवाई के समय करें। यहां शिकायत करें!
कृषि विभाग के जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में उर्वरक निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है जो उर्वरक संबंधी अनियमितता के संबंध में जांच कर आवश्यक कार्रवाई करता है। किसी प्रकार की अनियमितता के लिए उर्वरक निगरानी सेल में प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे तक मोबाइल नंबरों 8090846766 एवं 8299340562 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराया जा सकता है। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा एवं अनियमितता करने वाले विक्रेता के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है उर्वरक जिले की सहकारी समितियों एवं निजी दुकानों पर पर्याप्त मात्रा में फास्फेटिक उर्वरक जैसे डीएपी, एनपीके, सुपरफास्फेट आदि उपलब्ध हैं जिनको किसान भाई निर्धारित मूल्य पर तय कर सकते हैं। इस समय जनपद में लगभग 2600 मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध है। जिले में किसी प्रकार के उर्वरक की कमी नहीं है। शीघ्र ही इफको डी ए पी की रैक आने वाली है जिसे प्राप्त होते ही समितियों पर भेजा जाएगा।
तत्पश्चात जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति कर्वी का औचक निरीक्षण किया जहां पर खाद का बिक्री किसानों को करते हुए पाया गया उन्होंने सभी किसानों से कहा कि जिन सहकारी समितियां पर खाद का वितरण किया जा रहा है वहां पर आधार कार्ड अन्य दस्तावेज ले जाकर प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी समितियां पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है।
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