UP News : रेरा, प्रोमोटर्स एवं होम बायर्स के मध्य परस्पर विश्वास में वृद्धि से परियोजना पंजीयन नए स्तर तक पहुंचा

अक्टूबर 22, 2024 - 15:37
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UP News : रेरा, प्रोमोटर्स एवं होम बायर्स के मध्य परस्पर विश्वास में वृद्धि से परियोजना पंजीयन नए स्तर तक पहुंचा

जनवरी 2024 से अक्टूबर 2024के मध्य तक रेरा में लगभग 220 नवीन परियोजनाओं का पंजीकरण हितधारकों के मध्य परस्पर विश्वास और पारदर्शिता में वृद्धि प्रदर्शित करता है। एनसीआर की तुलना में नॉन-एनसीआर के जनपदों में नवीन परियोजनाओं का पंजीयन निरंतर बढ़ा है। यह टियर 2 व 3 शहरों के प्रोमोटर्स में रेरा अधिनियम के पालन की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है। परियोजना पंजीयन सँख्या, क्यूआर कोड, प्रोजेक्ट कलेक्शन एकॉउन्ट का विवरण तथा परियोजना से जुड़ी समस्त जानकारियों की रेरा पोर्टल पर तथा विज्ञापन सामग्री में उपलब्धता से हितधारकों के मध्य परस्पर विश्वसनीयता और पारदर्शिता में वृद्धि हुई।

लखनऊ / गौतम बुद्ध नगर: उ.प्र. रेरा द्वारा प्रदेश में नवीन परियोजनाओं के पंजीयन के सन्दर्भ में नए रुझान प्राप्त हुए है जिसके अनुसार केवल जनवरी से अक्टूबर 2024 माह के मध्य तक लगभग 220 नवीन परियोजनाओं का पंजीकरण प्राप्त हो चुका है जो एक वर्ष में प्रदेश में परियोजना पंजीयन के नए रिकॉर्ड बनाने की और बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में नवीन परियोजनाओं का पंजीयन नई रिकार्ड स्तर तक पहुचना, रेरा, प्रोमोटर्स और घर खरीदारों के मध्य परस्पर विश्वास में वृद्धि का द्योतक है। इसके अतिरिक्त इस संकेत के अनुसार नॉन-एनसीआर के जनपदों में नयी परियोजनाओं के पंजीयन में वृद्धि आयी है और यह एनसीआर के जनपदों में आयी नयी परियोजना के पंजीयन से अधिक है।

नॉन-एनसीआर के जनपदों से लगभग 144 (65%)और एनसीआर के जनपदों लगभग 76 (35%) परियोजनों का पंजीकरण प्राप्त हुआ है । नयी परियोजना के पंजीयन के सन्दर्भ में रेरा के ये संकेत उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट सेक्टर के विनियमित विकास की सकारत्मक रूपरेखा प्रस्तुत करते है। प्राप्त डाटा से यह भी प्रतीत होता है कि रियल एस्टेट सेक्टर का विकास अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों के साथ ही प्रदेश के अन्य जनपदों/ नॉन-एनसीआर में भी तेजी से हो रहा है, हितधारकों के मध्य पारदर्शिता एवं आपसी विश्वास में भी बढ़ोतरी हुई है तथा ग्रुप हाउसिंग का चलन बढ़ रहा है। 

इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर 2024 के मध्य तक उ.प्र. रेरा में प्रोमोटर्स द्वारा लगभग 220 नवीन रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीयन कराया जा चुका है जबकि वर्ष 2023 में कुल 190 एवं वर्ष 2022 में 215 परियोजनाओं का पंजीयन कराया गया था, अतः, नवीन परियोजना पंजीयन पिछले वर्षों के स्तर से आगे निकल चुका है। प्रदेश में नॉन-एनसीआर के जनपदों से प्राप्त परियोजनाएं मथुरा, अयोध्या, बरेली, मुरादाबाद, झाँसी, प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ में स्थित है जबकि एनसीआर के जनपदों से प्राप्त परियोजनाएं गौतम बुद्ध नगर, गाज़ियाबाद और मेरठ जनपदों में स्थित है। नॉन-एनसीआर के प्रोमोटर्स द्वारा अपनी परियोजनाओं का पंजीकरण कराना रेरा अधिनियम के प्राविधानों का पालन करने एवं घर खरीदारों में विश्वास जागृत करने की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करता है।

 इसके अलावा परियोजना को उ.प्र. रेरा से प्राप्त परियोजना पंजीयन सँख्या, क्यूआर कोड, प्रोजेक्ट कलेक्शन एकॉउन्ट का विवरण तथा परियोजना से जुड़ी समस्त जानकारियों की रेरा पोर्टल एवं सभी विज्ञापन सामग्रियों में उपलब्धता आमजन और घर खरीदारों तथा अन्य हितधारकों के लिए पारदर्शिता, विश्वसनीयता और जिम्मेदारी की दृढ़ पृष्ठभूमि तैयार करता है। प्रदेश में आवासीय, व्यवसायिक और मिश्रित वर्ग की पंजीकृत 3,756 से अधिक परियोजनाओं में से 1,701 परियोजनाएं एनसीआर के 8 जनपदों में तथा 2,055 परियोजनाएं नॉन-एनसीआर जनपदों में स्थित है। कुल पंजीकृत परियोजनाओं में से लगभग 1,700 परियोजनाएं नवीन और 2,056 परियोजनाएं ऑनगोइंग/ कार्य प्रगति वाली श्रेणी की है।

 इनमें से अब तक लगभग 1,210 परियोजनाओं का कार्य पूर्ण करके ओसी/ सीसी प्राप्त भी का जा चुकी है। नवीन परियोजना का तात्पर्य उन परियोजनाओं से है जो 1 मई 2017 के बाद रेरा में पंजीकृत कराई गयी है। ऑनगोइंग परियोजना का तात्पर्य उन परियोजनाओं से है जो 1 मई 2017 के पहले लॉन्च हो चुकी थी और पोर्टल पर पंजीकृत कराई गयी है। नॉन एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत कुल 2,055 परियोजनाओं में से 1,068 नवीन और 987 परियोजनाएँ ऑनगोइंग श्रेणी की है।

एनसीआर क्षेत्र में पंजीकृत कुल 1,701 परियोजनाओं में 632 नवीन और 1,069परियोजनाएँ ऑनगोइंग श्रेणी की है। रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रगतिशील प्रमुख जनपद गौतम बुद्ध नगर में लगभग 1015, लखनऊ में लगभग 780, गाजियाबाद में लगभग 470 परियोजनाएँ पंजीकृत हो चुकी हैं।

 उ.प्र. रेरा का प्रयास है कि घर खरीदारों सहित सभी हितधारकों को रेरा में पंजीकृत परियोजना की सभी जानकारियां पारदर्शिता के साथ आसानी से उपलब्ध हो सके और वे रेरा पंजीकृत परियोजना में दृढ़ विश्वास और निश्चितता के साथ अपना फ्लैट / प्लाट तथा शॉप/ ऑफिस स्पेस खरीद सकें। उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश भविष्य में रोजगार के साथ-साथ बेहतर जीवन यापन की संभावनाएं भी प्रस्तुत कर रहा है जो रियल एस्टेट सेक्टर के विकास को नया बल दे रहा है जिसके विनियमन हेतु रेरा प्रतिबद्ध है।

 उ.प्र. रेरा अध्यक्ष  संजय भूसरेड्डी ने कहा कि उ.प्र. रेरा इस उद्देश्य के साथ निरंतर प्रयासरत है कि प्रदेश में रियल एस्टेट क्षेत्र निरंतर विकास करे और साथ ही नियमन की दिशा में और भी सशक्त बनें। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में और अधिक परियोजनाओं का पंजीयन संभव हो सकेगा और प्रदेश का रियल एस्टेट सेक्टर पहले से और अधिक सुदृढ़ और नियमित बन सकेगा। नवीन परियोजनाओं का निरन्तर बढ़ता पंजीयन इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश का रियल एस्टेट सेक्टर अब प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि मैं आशा करता हुँ कि रियल एस्टेट सेक्टर के हितधारक रेरा पोर्टल पर उपलब्ध परियोजना की जानकारियों का अवलोकन करने और सत्यापन के बाद ही अपने लिए सही परियोजना का चयन करेंगे। इस विषय में नियमित रूप से हम आमजन में जागरूकता फैलाने का कार्य भी कर रहे है।

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Anuj Hanumat अनुज हनुमत बुन्देलखण्ड के जाबांज एवं तेजतर्रार पत्रकार हैं। श्री हनुमत धर्मनगरी चित्रकूट के पाठा इलाके के निवासी हैं। पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रहे अनुज हनुमत पिछले आठ वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया से सम्बंधित कई बड़े ब्रांड के साथ अनुज हनुमत काम कर चुके हैं। मौजूदा समय मे अनुज हनुमत देश के प्रतिष्ठित नेशनल चैनल JK news 24× 7 में कार्यरत हैं और Ground Zero वेब न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ हैं। इसके साथ ही बुन्देखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भी लगातार सक्रिय हैं। वर्ष 2020 में उन्हें लखनऊ में आयोजित नेशनल यूथ फेस्टिवल में चित्रकूट से "यूथ आइकॉन" का अवार्ड भी मिल चुका है। महात्मा गांधी और गणेश शंकर विद्यार्थी को अपना आदर्श मानने वाले श्री हनुमत की ग्रामीण पत्रकार पर अच्छी पकड़ है । इसके साथ ही देश के मिनी चम्बल कहे जाने वाले चित्रकूट के पाठा इलाके में जाबांज पत्रकारिता कर डकैतो को समाप्त करने में पुलिस की मदद की । मौजूदा समय मे श्री हनुमत पत्रकारिता के साथ साथ सामाजिक कार्यो में भी सहयोग कर रहे हैं । कोरोना संकटकाल के दूसरे फेज में उनके नेतृत्व में संस्थान ने चित्रकूट के लगभग 15000 हजार आदिवासी परिवारों को मुफ्त राशन सामग्री उपलब्ध कराई । इसके साथ ही संस्थान द्वारा पत्रकार साथियो को भी किट उपलब्ध कराई गई।