राजापुर में तुलसी जन्म महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ
सन्त रामदास जी महाराज ने बताया कि श्रीरामचरितमानस सत्मार्ग चलने की प्रेरणा देता है ।
राजापुर । चित्रकूट - गोस्वामी तुलसीदास जी की जन्मभूमि में चल रहे तुलसी जन्म महोत्सव में श्रीरामचरितमानस नवान्हपारायण पाठ वाद्य यंत्रों के साथ प्रारम्भ किया गया है। पहले दिन भगवान गणपति शिव शंकर, भगवान विष्णु तथा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की वंदना के साथ विधवत गोस्वामी तुलसीदास जी रामचरितमानस की पूजा अर्चना करने के पश्चात तुलसी जन्मकुटीर में प्रारम्भ की गई है और पूरे नगर में लाउड स्पीकरों के माध्यम से मानस की चौपाई गूंज रही हैं। तुलसी जन्मकुटीर के विशाल प्राँगण में श्रीरामचरितमानस नवान्हपारायण पाठ का शुभारंभ वृन्दावन के संत रामदास जी महाराज तथा सन्त महात्माओं व श्रद्धालु नर नारियों द्वारा मानस की चौपाइयाँ पढ़ी जा रही हैं। पहले दिन भगवान श्रीराम के बाल लीलाओं व भगवान शिव शंकर की स्तुति की गई और क्षेत्र के नर नारी अपने अपने घरों से रामचरितमानस के ग्रन्थ लेकर श्रद्धा पूर्वक पाठ कर रहे हैं।
सन्त रामदास जी महाराज ने बताया कि श्रीरामचरितमानस सत्मार्ग चलने की प्रेरणा देता है और जिस घर में रामचरितमानस पढ़ा जाता है उस घर में कभी भी दरिद्रता व कुमति नहीं आती है और रामचरितमानस हमें बुराइयाँ छोड़कर भक्तिपूर्ण जीवन यापन करना और भौतिक सुखों की जगह कम साधनों को अपनाना सिखलाती है। संत रामदास जी महाराज ने कहा कि चार वेद षट् शास्त्रों व रामायण क्या महत्व है देवनागरिक लिपि संस्कृत में होने के कारण आम जनमानस में प्रचलित नहीं है लेकिन रामचरितमानस एक ऐसा ग्रंथ है जिसे हिंदी भाषा में लिपिबद्ध होने के कारण आम जनमानस के मानस में समाहित है उधर नगर पंचायत द्वारा साफ सफाई, रोशनी की पर्याप्त व्यवस्थाएँ की गई हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल बराबर लगे हुए हैं।
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