रानीपुर टाइगर रिजर्व : चित्रकूट में वैज्ञानिकों को मिली तितली की 126 प्रजातियां

नवंबर 20, 2024 - 17:57
नवंबर 20, 2024 - 17:58
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रानीपुर टाइगर रिजर्व : चित्रकूट में वैज्ञानिकों को मिली तितली की 126 प्रजातियां

विंध्याचल की पहाड़ियों का अनसुना संगीतः रानीपुर टाइगर रिजर्व में जैव विविधता का चमत्कार विंध्याचल की सुरम्य पहाड़ियों में बसा रानीपुर टाइगर रिजर्व

 जैव विविधता का एक अद्भुत खजाना है। अपनी अद्वितीय भौगोलिक संरचनाओं और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध, यह रिजर्व वनस्पतियों और जीवों की अनगिनत प्रजातियों का घर है। यहां के महुआ और खैर जैसे विशालकाय वृक्ष न केवल वन्यजीवों के लिए बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, अश्वगंधा, गिलोय, और चिरायता जैसी औषधीय पौधों की प्रजातियां इस क्षेत्र की जैव विविधता को और समृद्ध बनाती हैं। यहां के वन्यजीवों में सांभर हिरण, दुर्लभ चौसिंगा, चतुर शिकारी तेंदुआ, और कठिन परिस्थितियों में जीने वाला भालू प्रमुख रूप से पाए जाते हैं। इसके अलावा, कभी-कभार दिखाई देने वाला पैंगोलिन और यहां विचरण करने वाले बाघ इस रिजर्व की जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को और बढ़ाते हैं।

 रानीपुर टाइगर रिजर्व के लिए रोमांचक खबरः तितलियों का स्वर्ग उजागर जैव वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक सप्ताह लंबे सर्वेक्षण में 126 तितली प्रजातियों को दर्ज किया गया, जो इस रिजर्व की समृद्ध जैव विविधता को उजागर करता है। इनमें से कई तितलियां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (अनुसूची । और II) के तहत संरक्षित हैं, जो इस क्षेत्र के पर्यावरणीय महत्व को रेखांकित करती हैं। सर्वेक्षण के दौरान दर्ज की गई तितलियों में प्रमुख प्रजातियां शामिल हैं:

डेनेड एगफ्लाई (Hypolimnas misippus)

इंडियन कॉमन डफर (Discophora sondaica) 

कॉमन नवाब (Polyura athamas)

 रेड पियरट (Talicada nyseus)

इसके अलावा, ब्लू पैसी, बैरोनेट, कॉमन रोज, प्लेन टाइगर, और स्ट्राइप्ड टाइगर जैसी सुंदर और सामान्य रूप से दिखने वाली तितलियां भी बड़ी संख्या में दर्ज की गई। इस रोमांचक खोज ने रानीपुर टाइगर रिजर्व को जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई है। संरक्षण पर विशेषज्ञों की राय डॉ. एन. के. सिंह, रानीपुर टाइगर रिजर्व के उप निदेशक, ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहाः "तितलियां प्रकृति के रत्न हैं। वे परागण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

 रानीपुर में मिली यह जैव विविधता संरक्षण की आवश्यकता को और मजबूत करती है।" के. के. सिंह, फील्ड डायरेक्टर, ने कहा: "अनुसूची । व 11 की तितलियों का दस्तावेज़ रानीपुर टाइगर रिजर्व के महत्व को दर्शाता है। यह क्षेत्र जैव विविधता के संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और हम आवास पुनर्स्थापन व शिकार-रोधी कदमों को और सशक्त करेंगे।" जीवविज्ञानियों की प्रतिक्रिया जीवविज्ञानियों की टीम ने इस खोज पर उत्साह जताते हुए कहाः "रानीपुर टाइगर रिजर्व तितलियों का स्वर्ग है। इन दुर्लभ और सुंदर प्रजातियों का दस्तावेज़ बनाना न केवल शोध के लिए बल्कि संरक्षण रणनीतियों को दिशा देने के लिए भी आवश्यक है। यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए एक आदर्श उदाहरण है।

प्रकृति की जीवंत छवि रानीपुर टाइगर रिजर्व में, महुआ के पेड़ों की छांव में चरते सांभर हिरण, पहाड़ियों में गूंजती बाघ की दहाड़, और फूलों पर मंडराती तितलियों का नजारा एक जादुई अनुभव प्रस्तुत करता है। विंध्याचल की पहाड़ियां केवल एक भौगोलिक संरचना नहीं हैं, बल्कि यह एक जीवंत, जीवंत कृति हैं, जहां हर प्रजाति पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तितलियों की यह रोमांचक खोज इस क्षेत्र के महत्व को और बढ़ाती है, इसे भारत के प्राकृतिक धरोहर और संरक्षण प्रयासों का एक चमकता हुआ उदाहरण बनाती है

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Anuj Hanumat अनुज हनुमत बुन्देलखण्ड के जाबांज एवं तेजतर्रार पत्रकार हैं। श्री हनुमत धर्मनगरी चित्रकूट के पाठा इलाके के निवासी हैं। पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रहे अनुज हनुमत पिछले आठ वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया से सम्बंधित कई बड़े ब्रांड के साथ अनुज हनुमत काम कर चुके हैं। मौजूदा समय मे अनुज हनुमत देश के प्रतिष्ठित नेशनल चैनल JK news 24× 7 में कार्यरत हैं और Ground Zero वेब न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ हैं। इसके साथ ही बुन्देखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भी लगातार सक्रिय हैं। वर्ष 2020 में उन्हें लखनऊ में आयोजित नेशनल यूथ फेस्टिवल में चित्रकूट से "यूथ आइकॉन" का अवार्ड भी मिल चुका है। महात्मा गांधी और गणेश शंकर विद्यार्थी को अपना आदर्श मानने वाले श्री हनुमत की ग्रामीण पत्रकार पर अच्छी पकड़ है । इसके साथ ही देश के मिनी चम्बल कहे जाने वाले चित्रकूट के पाठा इलाके में जाबांज पत्रकारिता कर डकैतो को समाप्त करने में पुलिस की मदद की । मौजूदा समय मे श्री हनुमत पत्रकारिता के साथ साथ सामाजिक कार्यो में भी सहयोग कर रहे हैं । कोरोना संकटकाल के दूसरे फेज में उनके नेतृत्व में संस्थान ने चित्रकूट के लगभग 15000 हजार आदिवासी परिवारों को मुफ्त राशन सामग्री उपलब्ध कराई । इसके साथ ही संस्थान द्वारा पत्रकार साथियो को भी किट उपलब्ध कराई गई।