Indian History : विट्ठल मंदिर के 56 संगीतमय खंभे
विठ्ठल मंदिर के 56 संगीतमय खंबे
विठ्ठल मंदिर, हम्पी, कर्नाटक में स्थित, 56 संगीतमय खंभों के लिए जाना जाता है। ये खंभे, ग्रेनाइट के बने हैं और इनकी नक्काशी बेहद खूबसूरत है। कहा जाता है कि इन खंभों को छूने पर अलग-अलग संगीत के स्वर सुनाई देते हैं। विठ्ठल मंदिर, 16वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के शासक कृष्णदेवराय द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान विठ्ठल को समर्पित है।
मंदिर यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल है।
इन खंभों की विशेषताएं:
- संगीतमय स्वर: प्रत्येक खंभा एक अलग संगीत के स्वर को प्रतिध्वनित करता है। कहा जाता है कि यदि आप इन खंभों को धीरे से स्पर्श करते हैं, तो आप वीणा, वायलिन, मृदंगम और बांसुरी जैसे विभिन्न वाद्ययंत्रों की ध्वनि सुन सकते हैं।
नक्काशी: खंभे जटिल नक्काशी से सजे हुए हैं, जिसमें देवी-देवताओं, जानवरों और फूलों की मूर्तियां शामिल हैं।
- निर्माण: खंभे ग्रेनाइट के एक ही टुकड़े से तराशे गए हैं, जो इनकी मजबूती और स्थायित्व का प्रमाण है।
- - विज्ञान: वैज्ञानिकों का मानना है कि खंभों की संगीतमय ध्वनि इनकी विशिष्ट आकृति और निर्माण सामग्री के कारण होती है। जब ध्वनि तरंगें खंभों से टकराती हैं, तो वे विभिन्न आवृत्तियों में परावर्तित होती हैं, जो संगीत के स्वरों को उत्पन्न करती हैं।
- विठ्ठल मंदिर के 56 संगीतमय खंबे न केवल एक वास्तुशिल्पीय चमत्कार हैं, बल्कि वैज्ञानिक रहस्य भी हैं। वे हजारों सालों से लोगों को मोहित करते रहे हैं और आज भी वे पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण हैं।
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