अब गर्मियों में भी रानीपुर टाइगर रिजर्व के जीव जंतु नहीं रहेंगे प्यासे
टाइगर रिजर्व के उप निदेशक डा. नरेंद्र सिंह ने बताया कि रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगल में तीन स्थान पर सोलर पंप जल्द लगाए जाएंगे। जंगल में वन्य जीवों के लिए काम करने वाली संस्था अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन मुंबई ने इस काम का वीणा उठाया है

चित्रकूट स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगल में गर्मी के समय पानी का भीषण संकट रहता है। यहां बहने वाली बरदहा नदी भी सूख जाती है। ऐसे में वन विभाग ने वन्य जीवों के पेयजल का इंतजाम करने शुरू कर दिया है। जंगल में तीन स्थान पर सोलर पंप लगाए जाएं। यह पंप एक सामाजिक संस्था लगाएगी। जंगल में सोलर पंप लगाने के पीछे की वजह है कि इन्हें चलाने के लिए बिजली के तार डालने की आवश्यकता नहीं होगी।
रानीपुर वन्यजीव विहार को 18 अक्टूबर 2022 को बुंदेलखंड का पहला और उत्तर प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व शुरू किया गया था। करीब 529.36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में रानीपुर टाइगर रिजर्व विकसित किया जा रहा है। यह मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व से करीब 150 किमी की दूरी पर है। ऐसे में वहां के बाघों का यहां आना जाना रहता है। रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगल को पाठा का भी जंगल कहा जाता है।
यहां पर गर्मियों में भीषण पानी का संकट रहता है। गर्मी के कारण इंसानों से ज्यादा जानवर परेशान होते हैं। जंगल में पानी के सारे स्रोत सूख जाते हैं। ऐसे में जानवरों को जिंदा रहने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए रानीपुर टाइगर रिजर्व बनने के बाद वन विभाग ने जल संरक्षण को लेकर काम कराए हैं लेकिन उसको दूर करने के और भी प्रयास हो रहे हैं।
टाइगर रिजर्व के उप निदेशक डा. नरेंद्र सिंह ने बताया कि रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगल में तीन स्थान पर सोलर पंप जल्द लगाए जाएंगे। जंगल में वन्य जीवों के लिए काम करने वाली संस्था अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन मुंबई ने इस काम का वीणा उठाया है। सोलर पंप लगाने के लिए हनुमान चौक, रुझौंहा चौकी व सत्ती चौकी को चिह्नित किया गया है।
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