History : पढ़ें चित्रकूट के लौरी (लोखरी) गाँव का रहस्य

सितम्बर 15, 2024 - 16:50
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History : पढ़ें चित्रकूट के लौरी (लोखरी) गाँव का रहस्य
चौसठ योगिनी मंदिर के नीचे रखी बलुआ पत्थर की प्राचीन मूर्ति

रहस्य में आज पढ़ें …. लोखरी (लौरी) गाँव का रहस्य

लोखरी किला मध्यकालीन इतिहास का गवाह है, जबकि 64 योगिनी मंदिर हज़ारों वर्षों पूर्व देवी पूजा व आस्था को दिखाता है। वर्तमान में दोनों ध्वस्त हो चुके हैं और मंदिर में अधिकतर मूर्तियां चोरी हो चुकी हैं। यह पहले बांदा जिले में था और अब चित्रकूट का हिस्सा है, मऊ तहसील की लौरी ग्राम पंचायत अंतर्गत स्थित किला व मंदिर कभी स्थापत्य शिल्प का बेजोड़ नमूना हुआ करता था। चित्रकूट में लौरी (लोखरी) के प्राचीन किले और चौसठ योगिनी मन्दिर के अवशेष आज भी हमारी संस्कृति के मजबूत पक्ष की जीवन्त कहानी को बयां कर रहे हैं ।

फिलहाल यहां से अधिकांश मूर्तियां चोरी हो गईं हैं और जो अवशेष हैं वो खंडित है। लोखरी (लौरी) के इन ऐतिहासिक स्थलों पर अगर शोध हो और इन्हें सरंक्षित किया जाये तो बुन्देलखण्ड के इतिहास से जुड़े कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। लौरी , चित्रकूट जनपद मुख्यालय से तकरीबन 50-55 किमी दूर स्थित है । इतिहासप्रेमी इस स्थान जरूर जाएं और चित्रकूट के समृद्ध इतिहास का अवलोकन करें मऊ में लालता रोड से हनुमानगंज जाने वाले रास्ते में करीब 10 किमी की दूरी पर लौरी का किला लगभग चार किमी की परिधि में है। किले में सुंदर नक्काशी है।

उत्तरी हिस्से में प्राकृतिक गुफा में दो प्राचीन शिवलिंग है। गुफा के बाहरी भाग में चट्टान पर हाथी की सूंड को शानदार तरीके से उकेरा गया है।यहां प्राचीन हथिया तालाब के बीच में हाथी की पाषाण प्रतिमा है जिसमें किसी तरह की प्राचीन भाषा भी अंकित है ।क़िले के पूर्वी भाग में 64 योगिनी मंदिर है। अब मंदिर में करीब आधा दर्जन मूर्तियां हैं, जो खंडित हैं। चोरी गई सभी मूर्तियाँ में से कुछ ही जानकारी में हैं बाक़ी मूर्तियों का आज तक पता नहीं लगा।

मूर्तियों में एक रैपुरा थाना परिसर के मंदिर में प्रतिष्ठित है, जबकि दो मूर्ति दिल्ली के म्यूजियम में रखी है, जो विभिन्न देशों से लाई गई थी।चित्रकूट के स्वर्णिम प्राचीन इतिहास से बड़े पैमाने पर छेड़खानी की गई जिसकी जाँच आवश्यक है । सबसे अहम बात ये है की लोखरी एक बड़ी और महत्वपूर्ण पुरातात्विक साइट है जहां इतिहासकारों को काम करने की ज़रूरत है ।

लोखरी गांव में जगह जगह मौजूद हैं प्राचीन मूर्तियां 

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Anuj Hanumat अनुज हनुमत बुन्देलखण्ड के जाबांज एवं तेजतर्रार पत्रकार हैं। श्री हनुमत धर्मनगरी चित्रकूट के पाठा इलाके के निवासी हैं। पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रहे अनुज हनुमत पिछले आठ वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया से सम्बंधित कई बड़े ब्रांड के साथ अनुज हनुमत काम कर चुके हैं। मौजूदा समय मे अनुज हनुमत देश के प्रतिष्ठित नेशनल चैनल JK news 24× 7 में कार्यरत हैं और Ground Zero वेब न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ हैं। इसके साथ ही बुन्देखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भी लगातार सक्रिय हैं। वर्ष 2020 में उन्हें लखनऊ में आयोजित नेशनल यूथ फेस्टिवल में चित्रकूट से "यूथ आइकॉन" का अवार्ड भी मिल चुका है। महात्मा गांधी और गणेश शंकर विद्यार्थी को अपना आदर्श मानने वाले श्री हनुमत की ग्रामीण पत्रकार पर अच्छी पकड़ है । इसके साथ ही देश के मिनी चम्बल कहे जाने वाले चित्रकूट के पाठा इलाके में जाबांज पत्रकारिता कर डकैतो को समाप्त करने में पुलिस की मदद की । मौजूदा समय मे श्री हनुमत पत्रकारिता के साथ साथ सामाजिक कार्यो में भी सहयोग कर रहे हैं । कोरोना संकटकाल के दूसरे फेज में उनके नेतृत्व में संस्थान ने चित्रकूट के लगभग 15000 हजार आदिवासी परिवारों को मुफ्त राशन सामग्री उपलब्ध कराई । इसके साथ ही संस्थान द्वारा पत्रकार साथियो को भी किट उपलब्ध कराई गई।