पत्थर खदान में मलबा ढहने से फंसे पोकलैंड आपरेटर का शव हुआ बरामद

खदान में पहाड़ धसने से मौत का मामला। पोकलैंड ऑपरेटर की डेड बॉडी रेस्क्यू कर निकाली गई। गोड़ा पहाड़ में पत्थर खदान धसने से दब गया था। डेड बॉडी ले जाने पर परिजनों ने जताया आक्रोश डीएम और एसपी ने परिजनों को मझाकर शव भेजा । परिजनों को समझा कर डेड बॉडी पोस्टमार्ट के लिए भेजा। डीएम ने लापरवाही मामले में कार्रवाई दिया आश्वासन

जुलाई 28, 2024 - 14:40
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पत्थर खदान में मलबा ढहने से फंसे पोकलैंड आपरेटर का शव हुआ बरामद

भरतकूप थाना के गोण्डा गाँव के मज़रा बजनी पूरवा के भोंरा पहाड़ में रविवार क़ो तड़के करीब चार बजे पत्थर खदान धंस जाने से पोकलैंड व डम्पर मलबे में दब गए। मिल रही जानकारी के अनुसार भोंरा पहाड़ में अवधेश त्रिपाठी की खदान में रविवार क़ो तड़के करीब चार बजे डम्पर में लोडिंग चल रही थी। इसी दौरान अचानक खदान धंस गई। जिसमें पोकलेंड आपरेटर 26 वर्षीय राकेश निषाद निवासी थाना अतर्रा जनपद बांदा दब गया। घटना के बाद हड़कंप मच गया। जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी प्रवीण सिंह मौके पर पहुंचे। फिलहाल पोकलैंड आपरेटर के शव को रेस्क्यू कर लिया गया है ।पत्थर खदान में पहाड़ धसने से मौत का मामला , पोकलैंड ऑपरेटर की डेड बॉडी रेस्क्यू कर निकाली गई। गोड़ा पहाड़ में पत्थर खदान धसने से दब गया था ।डेड बॉडी ले जाने पर परिजनों ने जताया आक्रोश। डीएम और एसपी ने परिजनों को समझाकर शव भेजा ।परिजनों को समझा कर डेड बॉडी पोस्टमार्ट के लिए भेजा। डीएम ने लापरवाही मामले में कार्रवाई दिया आश्वासन

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Anuj Hanumat अनुज हनुमत बुन्देलखण्ड के जाबांज एवं तेजतर्रार पत्रकार हैं। श्री हनुमत धर्मनगरी चित्रकूट के पाठा इलाके के निवासी हैं। पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र रहे अनुज हनुमत पिछले आठ वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया से सम्बंधित कई बड़े ब्रांड के साथ अनुज हनुमत काम कर चुके हैं। मौजूदा समय मे अनुज हनुमत देश के प्रतिष्ठित नेशनल चैनल JK news 24× 7 में कार्यरत हैं और Ground Zero वेब न्यूज चैनल के एडिटर इन चीफ हैं। इसके साथ ही बुन्देखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भी लगातार सक्रिय हैं। वर्ष 2020 में उन्हें लखनऊ में आयोजित नेशनल यूथ फेस्टिवल में चित्रकूट से "यूथ आइकॉन" का अवार्ड भी मिल चुका है। महात्मा गांधी और गणेश शंकर विद्यार्थी को अपना आदर्श मानने वाले श्री हनुमत की ग्रामीण पत्रकार पर अच्छी पकड़ है । इसके साथ ही देश के मिनी चम्बल कहे जाने वाले चित्रकूट के पाठा इलाके में जाबांज पत्रकारिता कर डकैतो को समाप्त करने में पुलिस की मदद की । मौजूदा समय मे श्री हनुमत पत्रकारिता के साथ साथ सामाजिक कार्यो में भी सहयोग कर रहे हैं । कोरोना संकटकाल के दूसरे फेज में उनके नेतृत्व में संस्थान ने चित्रकूट के लगभग 15000 हजार आदिवासी परिवारों को मुफ्त राशन सामग्री उपलब्ध कराई । इसके साथ ही संस्थान द्वारा पत्रकार साथियो को भी किट उपलब्ध कराई गई।