CACH की युवा टीम ने खोजा चित्रकूट का चौथा ऐतिहासिक किला
इससे पूर्व भी इस टीम ने चित्रकूट के आस पास कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल खोजे हैं जिन्हे पर्यटन विभाग ने मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया है
Chitrakoot : A Cultural Heritage की साहसिक यात्रा ने खोजा चित्रकूट का चौथा ऐतिहासिक किला
कालिंजर और मड़फा के ऐतिहासिक किले के विषय मे तो लगभग सभी जानते हैं । लेकिन लौरी (लोखरी) और कल्यानगढ़ के किले के विषय मे लोग न के बराबर ही जानते थे लेकिन चित्रकूट की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और सवारने की हमारी इस साहसिक यात्रा ने इन दोनों किलो के बारे में भी लोगो को अवगत कराया । इसी यात्रा के क्रम में हमे एक और किले के जीवंत अवशेष मिले जिसके बचे हुए प्रमाण इतने रहस्यमयी और अद्भुत हैं कि मानो ये किला कई साम्राज्यों की वीर गाथा को खुद में समेटे हो ।हमारी टीम के हाथ लगा एक और महत्वपूर्ण प्राचीन स्थान।जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर सेमरिया चरणदासी के जंगलों में नऊआ बीहड़ स्थान पर टीम को मिले एक प्राचीन किले और मन्दिर के अवशेष।
इस किले के ध्वंशावशेषो से यह प्रतीत हो रहा है मानों कई साम्राज्यों के इतिहास का गवाह रहा है यह प्राचीन किला । हैरत की बात तो ये है कि इस किले तक आज तक कोई भी सरकारी कदम नहीं पहुचे और न ही ये स्थल किसी सरकारी या अंग्रेजी दस्तावेज में दर्ज है। इस किले का एक एक पत्थर मानो इसके रहस्य और इसकी प्राचीनता की कहानी खुद बयां कर रहा है। हमारी इस साहसिक यात्रा के प्रमुख सदस्य बुन्देलखण्ड के युवा इतिहासकार डॉ Shivprem Yagik के अनुसार ये किला चित्रकूट ही नही बल्कि समूचे बुन्देलखण्ड के इतिहास को एक नया आयाम दे सकता है ।
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